पहिले स्वयं प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, ओहिके बाद भाजपाक अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आओर ताहिके बाद गृहमन्त्री अमित शाह अर्थात भाजपाक केन्द्रीय नेतृत्व स्पष्ट कय रहल अछि जे मिथिला आब भाजपा लेल महत्वहीन भ' गेल अछि। जाहि तरहे भाजपा नेता द्वारा मगधके प्रति आवश्यकता सँ बेसी भाव देल जा रहल अछि तथा मिथिलाके बिसरल जा रहल अछि, कहयमे कोनो अतिश्योक्ति नहि जे भाजपा मिथिला सँ मिथिलाक लोक सँ मुहँ मोड़ने जा रहल अछि। एकटा बात आओर जे अहिके मतलब इ नहि जे हमरा-अहाँ लेल भाजपा बेजाय बनल जा रहल अछि तँ कांग्रेस, राजद, जदयू मिथिलाके हित सोचि रहल अछि। राजद, जदयू, कांग्रेस तँ पहिलेहे सँ घोषित रूपसँ मिथिला विरोधी बनल अछि। भाजपा सेहो आब मिथिला विरोधी स्टैण्ड लेबय सँ परहेज नहि कय रहल अछि। मैथिल लोकिनके आब बाहरी नेता पर विश्वास नहि करबाक चाही। मिथिलाके नेतृत्व मिथिलाके नेता करय, मैथिल करय।
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